Monday, April 25, 2011

फेसबुक का अहसान कभी भूल नहीं पाएंगे ..नवीन सी दुबे ...
by Naveen C Dubey on 23 अप्रैल 2011 को 09:05 बजे


हें फेस बुक यदि तू नहीं होता तो क्या होता ...


कितने ही दोस्त एक दुसरे मिल ना पाते ...


अपने दर्दे दिल का हल ना सुना पाते ....


जब दिल की बात जुबान पर नहीं आ पाती हें ..


वो की वो ही बात फेसबुक पर पड़ी जाती हें .....


कई लोगों को शायर ..तो कवि .या रचनाकार बनाया हें

सचमानो तो फेसबुक ने ही ये पावन धर्म निभाया हें .....

कई दोस्तों की बीबियो ने मुझे बताया हें ...

की भाई सा भला हों ये फेसबुक का जिसमे ये समय लगाते हें ...

वर्ना आज भी वर्मा सा मिसेस वर्मा को अपनी कविता सुनाते हें ..

जो फेसबुक को नहीं अपनाते हें ..

वो सारा जीवन पछताते हें

फेसबुक जीवन का एक शानदार तजुर्बा हें..दौलत हें ..नशा हें ..दीवानगी हें ..

इस के बिना जीना जेसे जीते जी नरक मे रवानगी हें ...

हर हाल मे हम फेसबुक को अपनाएंगे ...

जीते जी तो क्या मार कर भी फेसबुक नहीं छोड़ पाएंगे ..

क्योकि फेसबुक का अहसान कभी भूल नहीं पाएंगे ..नवीन सी दुबे ...

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