रख होंसला वो मंज़र भी आएगा, प्यासे के पास चलके खुद समंदर भी आएगा.. थक कर ना बैठ ए राह के मुसाफिर, मंजिल भी मिलेगी और मिलने का मज़ा भी आएगा..
रख होंसला वो मंज़र भी आएगा, प्यासे के पास चलके खुद समंदर भी आएगा..
ReplyDeleteथक कर ना बैठ ए राह के मुसाफिर, मंजिल भी मिलेगी और मिलने का मज़ा भी आएगा..