Friday, July 29, 2011

इकरार का भी इंतजार करते रहे ...
रहे वफ़ा में हम अकेले प्यार करते रहे ....नवीन सी दुबे

1 comment:

  1. रख होंसला वो मंज़र भी आएगा, प्यासे के पास चलके खुद समंदर भी आएगा..
    थक कर ना बैठ ए राह के मुसाफिर, मंजिल भी मिलेगी और मिलने का मज़ा भी आएगा..

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